Tuesday, December 30, 2014

कुछ छूट भी देता है वह दिन जब बाहर कोहरा होता है

कलम से_____
कुछ छूट भी देता है
वह दिन
जब बाहर
कोहरा होता है
चले चलो
दूर दूर
कहीं कुछ भी
दिखाई नहीं देता है

घर

घरवार........
अब तो बस
एक ही सहारा शेष है
अलाव जले
रात उसके
आसपास ही कटे
कैसे कह दूँ
शुभ रात्री
हाँ, नींद आपको आ रही हो
सो जाइये
कल हाल लेने
एक बार जरूर आइए.....
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
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