Sunday, December 14, 2014

माँगी थी इक कली

कलम से_____
माँगी थी इक कली
उतार कर हार दे दिया
चाही थी इक धुन
आपने सितार दे दिया
झोली मेरी बहुत छोटी थी मेरी "कृष्णा"
तुमने तो हँस कर
सारा संसार दे दिया......
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
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