Thursday, December 25, 2014

शोलों की गरमाहट भी शांत हो गई

कलम से_____
शोलों की गरमाहट भी शांत हो गई
अब कहां व जोशेजवानी और रवानी
एक नदिया की धारा सागर में मिल
सब कुछ अपना था जो वो भूल गई।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
Like ·  · 

No comments:

Post a Comment