Tuesday, December 30, 2014

देख लो ऐसी छोटी सी ही सही

कलम से____
देख लो ऐसी
छोटी सी ही सही
दुनियां अपनी भी हो सकती है
दूर नहीं
आसपास में
अपने ही जहान में
सबकुछ है
छोटा सा घर
एक अदद तरणतारण ताल भी
सागर पांव धोता हुआ
हैं हरे भरे खेत भी
मीठे पानी का स्रोत भी
सुनहरी खिली खिली धूप
शांति है फैली हुई चहुँओर
कुछ और नहीं चाहिए
तो फिर चलते हैं वहाँ
बोलो हो तैयार
बहुत कहते थे न
लगता नहीं है
जी अब इस दयार में
ढूंढ लो अब कोई एक नया जहां
रह सकें सुकून में वहाँ
देखो मिल गया है
ठीक वैसा ही
छोटा सा एक जहां.......
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
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  • BN Pandey AAO DILDAAR CHALE...CHAND KE PAAR CHALE..............KYAA PRASTUTI AUR USKI PARI KALPANAA........GAZAB...
  • S.p. Singh धन्यवाद कल्पना की उडान कहीं पर भी ले जाती है।
  • BN Pandey YES SIR
  • S.p. Singh देखिए आपके लिए कितनी सुंदर जगह ढूँढ निकाली है।
  • BN Pandey SIR ESKO MAINE APANE CAMERA ME BIN KUCHH KHACH KIYE HI KAID KER LIYAA HAI..........SHAYAD PURE FRANCE ME BHI MUJHE AISAA NAZAARAA NAHI DIKHAA......PORT BLAIR ME KAHI KAHI HALKI SEE JHALAK MILI HAI.
  • Dinesh Singh बहुत ही सुन्दर
  • Suresh Chadha Ek peshkash ki kosis hae mere umeed hae pasand ayege
  • Ram Saran Singh महोदय आपको तो दयार मिल गया हम ग़रीबों का क्या होगा । लेकिन हँा, FB और GOOGLE जी तो साथ रहेंगे ही ।
  • Rajan Varma ये देखने वाली ज़न्नत है, गुज़र-बसर के लिये नहीं,
    ज़िन्दगी की मूल-भूत सुविधाअों के लिये समंदर पार जाना ही होगा;
    इसे अंग्रेज़ों की भाषा में काला-पानी या फ़िर सुनहरा-पानी कह सकते हैं,
    ग़र कोई हसीं साथ न हो, तो ये किसी solitary confinement से कम नहीं;
  • Puneet Chowdhary Marvel of creative thinking
    22 hrs · Unlike · 1
  • S.p. Singh Rajan Varma: कोई कुछ भी कहे पर मुझे व्यक्तिगत रूप में आपके सभी कमेंट्स अच्छे लगते हैं जो वकौल आपकी नेचर और स्वभाव के अनुरूप होते हैं चूंकि आप contrarian हैं। यह एक नया विचार मेरे लिए बन जाता है।
    22 hrs · Edited · Like · 1
  • Rajan Varma शुक्रिया भाई साॅ
    21 hrs · Unlike · 1
  • S.p. Singh तहेदिल से शुक्रिया सभी चाहनेवालों का।
    9 hrs · Like

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