ऐ चाँद तुमको देखते हैं हम जाग कर रात-रात,
काश तुम मेरे साथ गुजारो थोड़ी सी रात,
चाँदनी में सराबोर खूबसूरत चाँद और
तुम्हारे साथ आसमां में तारों की अदभुत बारात,
तुम्हारी चाँदनी फैल बसुधा परअरमानों में घुली जाती है ,
चाँदनी की फैली हुई चादरें काले अम्बर पर धीरे-धीरे तैरती
पल्लू सी उड़ती छतों, मुंडेरों और मीनारों पर बिखर जाती है ,
तुमसे रंग है ,तुमसे ख्वाब हैं ,तुमसे अफसाने भी हैं ,
तुमने बनायें हैं कई दीवाने भी ,
तुमको देखे चकोर बस उड़ थाम लेने को बेकरार, तेरी चाँदनी से छाई है मस्ती
बंजारों की बस्ती में ,
ऐ चाँद तू और तेरी चाँदनी कब तक निभाओगे मेरा साथ,
बस छोड़ दोगे चम्पई सुबह के साथ.......
http://rammasingh.blogspot.in/ — with S.p. Singh.
काश तुम मेरे साथ गुजारो थोड़ी सी रात,
चाँदनी में सराबोर खूबसूरत चाँद और
तुम्हारे साथ आसमां में तारों की अदभुत बारात,
तुम्हारी चाँदनी फैल बसुधा परअरमानों में घुली जाती है ,
चाँदनी की फैली हुई चादरें काले अम्बर पर धीरे-धीरे तैरती
पल्लू सी उड़ती छतों, मुंडेरों और मीनारों पर बिखर जाती है ,
तुमसे रंग है ,तुमसे ख्वाब हैं ,तुमसे अफसाने भी हैं ,
तुमने बनायें हैं कई दीवाने भी ,
तुमको देखे चकोर बस उड़ थाम लेने को बेकरार, तेरी चाँदनी से छाई है मस्ती
बंजारों की बस्ती में ,
ऐ चाँद तू और तेरी चाँदनी कब तक निभाओगे मेरा साथ,
बस छोड़ दोगे चम्पई सुबह के साथ.......
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