कलम से____
पावं तले कुचले जाते
जो शीष चढ़ने जग में आते
ऐसा क्यों होता है प्रभु
हमको भी आ बतला जाते।
कुछ दिन बाद दृश्य बदलेगा
आज जिसे हम दुतकार रहे
वो सिर चढ़ फिर बोलेगा
यह राज हमें तुम समझा जाते।
क्वार का दशहरा करीब है आया
शीष एक नहीं दस कटने का दिन आया
राम भक्त पूजा में तल्लीन हो रहेगें
हनुमान भक्त पुल बनाने लग जाएगें।
विजय दशमी का होगा इतंजार
जब प्रभु राम शीष उतार फेंकेंगे
रावण का होगा अंत जग महकेंगे
सीते संग अजोध्या राम मेरे लौटेगें।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
http://spsinghamaur.blogspot.in/ — with Puneet Chowdhary and Subhash Sharma.
पावं तले कुचले जाते
जो शीष चढ़ने जग में आते
ऐसा क्यों होता है प्रभु
हमको भी आ बतला जाते।
कुछ दिन बाद दृश्य बदलेगा
आज जिसे हम दुतकार रहे
वो सिर चढ़ फिर बोलेगा
यह राज हमें तुम समझा जाते।
क्वार का दशहरा करीब है आया
शीष एक नहीं दस कटने का दिन आया
राम भक्त पूजा में तल्लीन हो रहेगें
हनुमान भक्त पुल बनाने लग जाएगें।
विजय दशमी का होगा इतंजार
जब प्रभु राम शीष उतार फेंकेंगे
रावण का होगा अंत जग महकेंगे
सीते संग अजोध्या राम मेरे लौटेगें।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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