कलम से____
एक कली को
आज फिर मसल दिया
खिलने पर खिलखिला के जो हसँती
उसकी हँसी को छीन वो ज़ालिम दो आसूँ दे गया !!
//सुरेन्द्रपालसिंह//
http://spsinghamaur.blogspot.in/ — with आशीष कैलाश तिवारी and Subhash Sharma.
एक कली को
आज फिर मसल दिया
खिलने पर खिलखिला के जो हसँती
उसकी हँसी को छीन वो ज़ालिम दो आसूँ दे गया !!
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