Tuesday, September 9, 2014

लहरें आती हैं किनारे तक और पलट जाती हैं

लहरें आती हैं किनारे तक और पलट जाती हैं
यादें आती हैं दिल में और सिमट जाती हैं
फर्क दोनों में इतना है
लहरें बेवक्त आती हैं और यादें हर वक्त.....
Photo: लहरें आती हैं किनारे तक और पलट जाती हैं
यादें आती हैं दिल में और सिमट जाती हैं
फर्क दोनों में इतना है
लहरें बेवक्त आती हैं और यादें हर वक्त.....
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  • Anil K Garg True Ma'am.. & you can't control either of them.
  • Rajan Varma लहरों पर मुझे एक अौर बात याद आती है जो संतो के सत्संगों में अक्सर सुनने को मिल जाती हैः जैसे एक लहर आती है अौर बह रही सब लकड़ियों को इकट्ठा कर देती है अौर दूसरी लहर आती है उन सब लकड़ियों को बिखेर देती है ठीक उसी प्रकार एक लहर उठी अौर हम सब रिश्तेदार, माँ-बाप, भाई-बहन इत्यादि बन गये; दूसरी लहर उठी तो हम मिन्टों-सैकेन्डों में एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं; ये दुनिया का क्षणिक सच है; शुभ रात्रि
  • Ramaa Singh शुभ रात्रि भाईसाहब
  • BN Pandey TUMHAARI YAAD ME AANSHOO BAHAA NAHI SAKATE.....LABO PE MUHAR HAI HUM MUSKURAA NAHI SAKTE
  • S.p. Singh बहुत सुंदर पाडेंजी ।
  • BN Pandey SUKRIYAA SIR
  • Ram Saran Singh ये रही रचना महोदया । आप कम पर सारगर्भित लिखती हैं । लहरों से किसी का क्या नाता लेकिन यादों से नाता होता है । लहरें तो कराल और काल होती हैं परंतु यादों का मासूम और निर्मल संसार होता है । यादों के सहारे जीवन कट जाता है लेकिन लहरों से रिश्ता क्षणभंगुर होता हैै ।
  • Puneet Chowdhary Wonderful synergy respected mam.Terse but very effective.
  • Shlesh Rathore Ulfat सुंदर
    22 hours ago · Unlike · 2

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