कलम से ____
जाते हो तो जाओ
क्यों लौट रहे हो
कारे कारे से लगते हो
क्या हमें ड़रा रहे हो !!
बरसना है तो बरस जाओ
इतना बरसो कि लोगां के आसूँ पौंछ भर जाओ
फिर जब आओगे तब याद करेंगे
न तुम आए तो आँखों से नीर बन झर झर गिरेगें !!!
(बदरा की वापसी पर)
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
जाते हो तो जाओ
क्यों लौट रहे हो
कारे कारे से लगते हो
क्या हमें ड़रा रहे हो !!
बरसना है तो बरस जाओ
इतना बरसो कि लोगां के आसूँ पौंछ भर जाओ
फिर जब आओगे तब याद करेंगे
न तुम आए तो आँखों से नीर बन झर झर गिरेगें !!!
(बदरा की वापसी पर)
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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