कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Monday, September 29, 2014
आज एस एन गुप्ता साहब से मुलाकात फेस टू फेस हुई। फेसबुक पर तो मिलते रहते थे।
बहुत अच्छा लगा।
SPSingh
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Subhash Sharma
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SN Gupta
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Arun Kumar Singh
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Surinder Gera
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Sp Dwivedi
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Parmod Sharma
वाह..क्या बात है..!
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September 27 at 1:18pm
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Ajay S. Chauhan
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Lucky hain aap Singh Sahab maine apne Dehli prawas par socha tha Gupta sir se mulakat ho javegi aur unke darshan kar sakunga par ho nahin paya abki baar jaruur milunga.
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September 27 at 2:09pm
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SN Gupta
धन्यवाद ,एस पी सिंह साहब मिलकर लगा ही नहीं कि पहली बार मिल रहे हैं बातों का खजाना खाली ही नहीं हो रहा था,समय था कि फिसलता ही जा रहा था
September 27 at 3:48pm
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S.p. Singh
धन्यवाद SN Sir.
September 27 at 3:50pm
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Jeetendra Joshi
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SN Gupta
ati sundar
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September 27 at 3:50pm
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SN Gupta
Ajay S. Chauhan ji मिलना तो मैं भी चाहता हूँ ,मुझे अफ़सोस रहेगा कि जब आप आए थे मैं आपसे चाहकर भी मिल नहीं पाया क्योंकि उसदिन मेरे पुत्र विपुल की सर्जरी हो रही थी,फिर अवश्य मिलेंगे खूब मिलेंगे
September 27 at 3:55pm
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Anand H. Singh
Wah kya baat hai.
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September 27 at 3:58pm
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SN Gupta
Ajay S. Chauhan जी-
स्वार्थ ना कोई इसमें स्नेह का दरिया है
यह फेस बुक का नहीं है रूह का रिश्ता है
कहने को बहुत दूर है नज़रों से भी है दूर
गुमनाम सा तो है पर मासूम ये रिश्ता है
हैं दूर क्या हुआ हर सुख दुख में साथ हैं
उँगलियों ने संवारा नाजुक सा ये रिश्ता है
September 28 at 7:50pm
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Ram Saran Singh
आदरणीय सिंह सर । मैं मन की बात कहूँ तो असलियत यह है कि आप जैसे सहृदय व्यक्तियों से मुलाक़ात तो नहीं हुई है पर अंतर्मन में लगाव हो गया है । जब रचनाएँ मिलती हैं तो अंगुलियाँ अपने आप टाइप करने लग जाती है । ईश्वर आपको और सब मित्रों को स्वस्थ बनाए रखें ताकि
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September 27 at 4:44pm
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S.p. Singh
बहुत बहुत धन्यवाद सिहं साहब। देखिए अगर बंगलूरु आना हुआ तो आपसे भेंट अवश्य होगी।रमा को भी उत्सुकता बनी रहती है आपकी टिप्पणियों की जो सटीक तथा प्रेरक होतीं हैं।
September 27 at 4:51pm
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Gajinder Rawat
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SN Gupta
gupta ji great
Yesterday at 11:09am
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