Friday, September 5, 2014

खुशी

पकड़ में नहीं आती कभी खुशी
खुशी की दौड़ तेज होती है इतनी
चेहरे पर नज़र आ ज़ाती है खुशी
जितना उसके पीछे भागो
वो दूर भागती है उतनी

मिट्टी सी बनी होती है खुशी
जिसके टूटने से रोते हैं सभी
एक छोटा सा ददॆ भी
हिला देती है खुशी को
और
बह जाते हैं आँख से आँसू
टप टप टप........
http://rammasingh.blogspot.in/
 — with S.p. Singh.
Photo: पकड़ में नहीं आती कभी खुशी
  खुशी की दौड़ तेज होती है इतनी
     चेहरे पर नज़र आ ज़ाती है खुशी
        जितना उसके पीछे भागो
           वो दूर भागती है उतनी

मिट्टी सी बनी होती है खुशी
   जिसके टूटने से रोते हैं सभी
     एक छोटा सा ददॆ भी 
       हिला देती है खुशी को
               और
        बह जाते हैं आँख से आँसू
              टप टप टप........
http://rammasingh.blogspot.in/
  • Suresh Chadha Good morning
  • BN Pandey MADAM AAJ KE JAMAANE ME ETANI MILAAWAT HO GAYEE HAI KI ASHAL- NAKAL ME BHED KARANAA MUSKIL HO GAYAA HAI................LOG KHUSI KE PICHHE BHAGATE RAHATE HAI LEKIN JO KHUSI PRABHU NE GHAR ME NATURAL GIGFT KE ROOP ME DE RAKHAA HAI WAH DIKHATA NAHI..... AUR PHIR AANSOO TO GIRANAA HI HAI...SUNDER RACHANAA
  • Ram Saran Singh महोदया, हम सभी ख़ुशियों का संसार सृजित करते हैं और छोटा सा दर्द हिला जाता है इस संसार को । वास्तव में यह मिट्टी से ही बनी होती है । रचना में अस्थायित्व को बढ़िया उकेरा है आपने । धन्यवाद ।
  • Satyendra Shukla Bahut accha, morning.
  • Puneet Chowdhary A great personification of emotions.great
  • S.p. Singh Really gr8
  • Puneet Chowdhary Kaviraaj u r equally great
  • Shravan Kumar Sachan Khushi ko lana padta hai. Aur eske liye paisa pay karna padta hai
  • Rajan Varma सही कहा आपने भाभी जी- जितना खुशी के पीछे भागो उतना तेजी से वह आगे-आगे दौड़ती है; दरअसल हम लोग गल्ती यहीं कर जाते हैं कि खुशी की तलाश बाहरी संसार में करते हैं- जहाँ वह मिट्टी सी बनी होती है- टूट गई तो दुखी होता है मन- अौर मिट्टी के बर्तन को कब तक सहेज कर रखा जा सकता है? कभी तो टूट ही सकता है;
    खुशी ग़र अपने भीतर से तलाश की जाये- basically happiness is a state of mind- ग़र इसां इस भौतिक संसार का सार जान ले- अौर वो तभी संभव है जब मनुज अपने अंतर में पैठ कर उस सृजन-कर्त्ता की तलाश करे- खुशी पीछे-पीछे आयेगी;
  • S.p. Singh बहुत खूब। सुदंर चर्चा विस्तार।
  • Brahmdeo Prasad Gupta feel and enjoy happiness.,better not to run after happiness.
  • Bhawesh Asthana सही कहा I बहुत खूब।
  • Ramaa Singh इतने सुन्दर मनोभावों से ओतप्रोत टिप्पणियों के लिए हम आप सभी का आभार व्यक्त करते हैं ।

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