Thursday, September 3, 2015

Smart City Lucknow

Smart Cities in UP(India): Lucknow
बड़ी खबर चल रही है सत्ता के गलियारों में कि नबाबों का शहर अब Smart बनने चला है।
इस खबर को सुनके उनको बड़ा सदमा हुआ है कि अब उनके तांगो का क्या होगा? बग्घी जो रखी हैं, उनका क्या होगा? अरबी घोडों का क्या होगा? और क्या होगा जिदंगी का जिसे रफ्ता रफ्ता चलने की आदत सी हो गई है।
हज़रतगंज और कैशरबाग की उन शामों का अब क्या होगा? दिल जो धड़कते थे वहाँ, अब उनका क्या होगा?
काफी कुछ तो बदल ही गया था, जो थोड़ा बहुत बचा था, उसका अब क्या होगा?
टुन्डे के कबाब और शेखावत की बिरयानी का क्या होगा? कैसरबाग में मामू-भान्जे के मकबरे के पास पारिक काफी थे उनका क्या होगा? हाईकोर्ट तो शिफ्ट हो ही रहा है। भातखंडे संगीत महा विद्यालय के कत्थक का क्या होगा? आर्ट्स कालेज और आईटी कालेज का अब क्या होगा? सुभाष होस्टल के पास खड़े होने वाले मजनुओं का अब क्या होगा? केजी मेडिकल कॉलेज का नाम सत्ता परिवर्तन के साथ बदल जाता है, उसका क्या होगा? इमामबाड़ों पर बेमतलब ताले जड़ दिये जाते हैं थे उनका क्या होगा?
लखनऊ नया हो रहा है। मेट्रो चलने वाली है। बगैर टिकट चलने वालों का अब क्या होगा? जगह जगह पान की पीक करने वालों का अब क्या होगा?
तहजीब के लिए जाने पहचाने वाले इस शहर का slogan अब क्या होगा? मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं, अब उसका क्या होगा?
अमीनाबाद, गड़बड़झाले की भीड़भाड़ वाले इलाके में भी नजरें चार करने वालों का अब क्या होगा?
"यह कौन सी फिरदौस हैं जिसे हम नहीं जानते हैं ", कहने वालों का अब क्या होगा?
गरीबों के लिए खजाने खोलने वाले और काम करा के पगार देने वाले और रात के साये में फिर गिराने वालों के अदब का हाल अब क्या होगा? न जाने कितने गरीबों को अमीर बनते हुये देखने वाले लखनऊ को अमीर से गरीब बनते हुये देखने वालों का हाल न जाने क्या होगा?
स्मार्ट बन रहा है, लखनऊ भी अब। जो भी होगा अच्छा होगा। कभी बैलगाडी, कभी हाथी, कभी साइकिल की सवारी पर चलने वाले लखनऊ का हश्र न जाने अब क्या होगा?
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
— with Puneet Chowdhary.
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  • Ram Saran Singh महोदय बहुत कुछ लिख डाला आपने । शानो शौक़त की तस्वीर खींच दी आपने । परंतु समय के साथ बदलना भी प्रगति का लक्षण है । हाँ मुझे पान खाने वालों के बारे में ज़रूर चिंता हो रही है । देखिए आगे आगे होता है क्या । धन्यवाद ।
  • S.p. Singh स्मार्ट सिटी हो जाये वहाँ तक तो ठीक है शहरीकरण के बढ़ते कदम जो शहरों के Charecter को ही change कर दे रहे हैं, हम पुराने लोगों के लिए कुछ तकलीफ देह है।
    Like · Reply · 1 · June 28 at 9:08pm · Edited
  • Ram Saran Singh यह भी सही है । सर ।
  • Shiv Kumar Yadav GOOD QUESTIONS SIR,THE EVEN TALKING ABOUT OLD LUCKNOW MAKES ME EMOTIONAL ....EVEN GRACE OF LKO OF 1975 AND ONWARDS,WHEN I STARTED MY STUDIES THERE ,CANT BE FORGOTTEN....LOVELY POST SIR
  • Puneet Chowdhary Kavya gyata I feel I know everything about Lucknow. Thanks for such a exhaustive description of the cultural city
  • Rajan Varma जब मैट्रो चली थी दिल्ली में तो हमें भी यही लग रहा था कि दिल्ली के शोहदों पर नकेल कसना आसां नहीं होगा अौर इसका हाल भी बहुत जल्द लोकल शट्टल-सा कर ही देंगे भाई लोग; पर टॅच-वुड अभी तक तो बख़्शा हुआ है- मैट्रो कल्चर जुदा है दिल्ली कल्चर से अौर चल रहा है;
    Unlike · Reply · 2 · June 28 at 9:42pm · Edited
  • BN Pandey Shubhaan Allah... Kyaa Lukhanawi Tahzeeb Me AAP Ne Chaar Chand Lagaa Ker Pesh Kiyaa Hai... Sochate To Hum log Bhi Hai.. .. Jub Lucknow Ke Badalate Mizaaz ko Dekhate Hai... Kintu AAP Ki " Kavi - Kalpanaa" Ko Salaam... Koi Jabaab Nahi. AAP Ke Es Andaaz ko..
  • Hira Singh अति सूंदर लिखा है।
  • Dinesh Singh वो भी स्मार्ट हो जायेंगे
  • Chadha Vijay Kumar अति सूंदर लिखा है।
  • Kanahiya Lal Mishra Jo bhi hoga acha ji hoga sir ji.
  • Balbir Singh Ye mat puchho kal kya hoga jo bhi hoga aachha hoga

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