Thursday, September 3, 2015

कुछ सुस्ता लूँ तो चलूँ



कलम से____
कुछ सुस्ता लूँ
तो चलूँ
तेरे साथ
इक बार
चलूँ देखने
आसमान
कितना है ऊँचा
आज नीचे ही
मिल जायेगा
बदरा जो आये हैं
मिलने हैं हम से.....
(बस अभी खींच कैमरे में कैद कर लिया इस भीगे पल को। खिड़की के कोने पर आके बैठा था सुस्ताने को।)
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
— with Puneet Chowdhary.
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