Sunday, September 27, 2015

लंबे अरसे तक



लंबे अरसे तक
टाई की नाॅट
कैसे बांधते हैं
नहीं सीख पाया
मित्र इक दिन आया
कहने लगा छोड़ भी
क्या करेगा सीख कर?
टाई की नाॅट बांधने वाली
खाना बनाके देने वाली
तेरा ख्याल रखने वाली
हमसफर तेरी होनेवाली
सब काम कर देगी
बस तू माँ को बता दे
शादी वो तेरी करा दे !
कुछ दिन तक तो सब ठीक रहा
खाना गरमागरम मिलता रहा
सिर दर्द का बहाना भी बना दूँ
जानेमन सिर भी दबाता रहा
अब यह आलम है कि
घर का काम करता हूँ
नाराज हो जायें अगर
पैर तक उनके दबाता हूँ
जिदंगी दो पाट के बीच पिस रही है
टाई की नाॅट ढ़ीली ही लग रही है
किस चक्कर में फंस गया हूँ मैं
दिन को रात औ रात को दिन कह रहा हूँ !



©सुरेंद्रपालसिंह  2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/

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