Sunday, September 7, 2014

एक फूल ड़ाली से बिछड़

कलम से_____

एक फूल ड़ाली से बिछड़ शीस चढ़ता है
वहीं दूसरा पावं तले कुचला जाता है !!

ऐसा क्यों होता है समझ नहीं आता है
इस दुनियां में अक्सर ही ऐसा होता है !!

दो बहनों के बीच नाता बड़ा निराला है
अपना पुत्र दोनों का बड़ा ही प्यारा है !!

पिता एक माता दो लगता बहुत न्यारा है
धर्म नीत चुप हो जाए तब ठीक लगता है !!

देवकी जाया जसोदा की आँख का तारा
कृष्ण हमारा भी तो यही कहता फिरता है !!

//surendrapal singh//

http://spsinghamaur.blogspot.in/
 — with Puneet Chowdhary.
Photo: कलम से_____

एक फूल ड़ाली से बिछड़ शीस चढ़ता है
वहीं दूसरा पावं तले कुचला जाता है !!

ऐसा क्यों होता है समझ नहीं आता है
इस दुनियां में अक्सर ही ऐसा होता है !!

दो बहनों के बीच नाता बड़ा निराला है
अपना पुत्र दोनों का बड़ा ही प्यारा है !!

पिता एक माता दो लगता बहुत न्यारा है
धर्म नीत चुप हो जाए तब ठीक लगता है !!

देवकी जाया जसोदा की आँख का तारा
कृष्ण हमारा भी तो यही कहता फिरता है !!

//surendrapal singh//

http://spsinghamaur.blogspot.in/
  • Brahmdeo Prasad Gupta nice. good morning.
    23 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh सुप्रभात गुप्ता जी।
  • S.p. Singh सुप्रभात गुप्ता जी।
  • Harihar Singh जय श्रीकृष्णाSee Translation
    20 hours ago · Unlike · 1
  • BN Pandey BAHUT HI UMDAA PRASTUTI.................HE KRISHN GOVIND HARE MURAARE HE NAATH NARAIN VASUDEVA
    14 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh बहुत बहुत धन्यवाद।
    14 hours ago · Like · 1
  • Rajan Varma ये न थी किस्मत् फ़ूल की, कि तोड़ने वाले से कहे कि मुझे देवालय में शोभायमान होना है, जनाज़े में नहीं- ये तो उसकी पूर्व-लिखित नियति ही तय करती है; ठीक इसी प्रकार जिन की नियति में लिखा था/होता है, वे कान्हा (संत) के बाल-सखा (संगत) के रूप में उन की लीला (प्रवचनों) का आनन्द उठायें अौर कुछ उनके उनके १०० मीटर की परिधि में रहते हुये भी उनकी लीलाअों (प्रवचनों) से, उनकी हस्ति (असलियत) से अनभिज्ञ रहे होंगे/रहते होंगे;
    13 hours ago · Unlike · 3
  • S.p. Singh बहुत सुंदर।
    13 hours ago · Unlike · 2

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