Friday, September 5, 2014

ज़ख्म दिया गहरा था

कलम से____

ज़ख्म दिया गहरा था
एक हम ही थे जो चोट खाके भी दुबारा मचल गए !!!

//surendrapalsingh//
 — with Puneet Chowdhary and Radhey Krishna Srivastava.
Photo: कलम से____

ज़ख्म दिया गहरा था
एक हम ही थे जो चोट खाके भी दुबारा मचल गए !!!

//surendrapalsingh//
  • Sp TripathiSanjay BediSN Gupta and 17 others like this.
  • Rajan Varma दिलबर ज़ख्म दे अौर हम पलट कर न देखें- लगन हमारी इतनी भी कमजोर नहीं!
  • S.p. Singh बहुत खूब ज़नाब।

    हम कितने तन्हा रहते
    अगर साथ तुम्हारा न मिला होता।
  • आशीष कैलाश तिवारी S.p. Singh सर। 
    आपने तो कलम के जख्म को बयां किया था.... लेकिन राजन सर ने तो किसी दिलबर से लगन थी बात कही है। 
    See Translation
  • S.p. Singh राजन जी तो लोहे को सोना बनाने की क्षमता रखते हैं। जितने सौम्य और सरल स्वभाव के हैं उतने ही प्रतिभा सम्पन्न व्यक्ति भी हैं।
  • Rajan Varma एस०पी० सर को शब्दों के चुनाव में मात देना संभव नहीं है, न ही मैं कोई ऐसी हिमाकत करने का इरादा रखता हूँ- सर आपने मुझे पोदीने के पेड़ पर चढ़ा तो दिया है- गिरूँगा तो कितने फ्रैक्चर होंगे खुदा जाने
  • BN Pandey CHOT PER CHOT DIL PE KHAAYE HUYE.HOTH PHIR BHI HAI MUSKURAAYE HUYE...GOOD MORNING SIR
  • SN Gupta वाह वाह
  • Ram Saran Singh बात तो बड़े जीवट की है । " बिजली गिरते गिरते खुद ब खुद खामोश हो जाए " । बेहतरीन । धन्यवाद ।

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