Friday, March 27, 2015

सुदंर पल को अंतस में कर लेते

कलम से____

सुबह
हर दिन
इतनी हसीन
होती है
फुर्सत
ही बस
हमें नहीं
मिलती है

काश हम
समय रहते
जग जाते

इस जग
को
सुदंर पल को
अंतस में
कर लेते
हम भी
कुछ जी लेते....

©सुरेंद्रपालसिंह 2015


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  • Ajay Kr Misra Bahut sunder abhivaykti,
    Subh prabhat sir.
    1 hr · Like
  • 1 hr · Like
  • Neelesh B Sokey नमस्ते
    1 hr · Like
  • Rajan Varma भोर का स्वच्छ अौर ताज़ा वातावरण जीवन में ऊर्ज़ा भरने (recharge for the day's hectic schedule) का कार्य करता है- पर हम लोगों की दिनचर्या कुछ ऐसी हो गई है कि रात को देर तक जगना या तो अॉफ़िशियल मजबूरी है या फ़िर आदत सी हो गई है- late-nite partying culture इत्यादि; अब देर में सोयेगा बारक तो भोर-बेला का आनन्द कैसे उठा पायेगा?
    राधे राधे-
  • Puneet Chowdhary Ram ram kavya purush
  • Ram Saran Singh सही है सर " जो सोवत है सो खोवत है, जो जागत है सो पावत है " । लेकिन राजन सर का कहना भी ठीक है । हमें दैनंदिन जीवनचर्या में बदलाव लाना होगा तभी प्रातः की सुगंध का आनंद लिया जा सकता है । धन्यवाद ।
  • Surinder Gera Very good morning

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