Friday, February 6, 2015

........दूर बहुत दूर कोई आ रहा है, तुम ही हो दिल मेरा कह रहा है...

कलम से_____
इस वीकेंड
पर बाहर चलेंगे
यह प्रोग्राम तुम्हारा था
कहाँ हो तुम
बताते नहीं हो
मोबाइल भी बंद है
ट्रेन भी आती नहीं है
सरदी है बढ़ती जा रही
खुले में
इस छोटे से
स्टेशन पर
करूँ इंतजार मैं
कब तक
समझ कुछ नहीं आ रहा है...
................दूर बहुत दूर
कोई आ रहा है, तुम ही हो
दिल मेरा कह रहा है...
चलो अच्छा हुआ
तुम आ गए
बेचैन था दिल
कुछ दम आ गया है
नहीं ट्रेन आई
कुछ बिगड़ा नहीं है
छोड़ो नहीं जाएंगे
अब कहीं और हम
घर ही चलो
चलते है हम
वहीं कुछ शुगल करेंगे
लगा कर आग लकड़ियों में
शाम रंगीन अपनी करेंगे
और भी सोचो
जो न कर सके
वह काम हम दोनों करेंगे
.....
.......
परिवार के साथ कभी रहे नहीं
पल दो पल उनके साथ जिएंगे
खुशियाँ में उनकी शरीक होकर
थोड़ा सा ही सही खुश हो लेंगे !!!
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
— with Puneet Chowdhary.
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  • 17 hrs · Unlike · 1
  • BN Pandey Aap jinke kareeb hote Hai WO bare khush naseeb hotel Hai... Per Aap kaa Milanaa Aap etani jaldi Kisko Naseeb note Hai...
    16 hrs · Unlike · 3
  • Puneet Chowdhary Behtreen Pandey Jee chowdhary khus hua
    16 hrs · Unlike · 2
  • Ram Saran Singh महोदय जब आपकी रचना मिलती है दिल कुछ याद कर लिखने लिए गुदगुदाने लगता है । इंतज़ार बेज़ार करता है उमंग भी बनाए रखता है । " मैकदे बंद हुए ढूँढ रहा हूँ तुमको, कहाँ हो बता मुझे आँखों से पिलाने वाले" ।
    14 hrs · Unlike · 3
  • BN Pandey Chaudhari Saab Bahut Bahut Shukriyaa..
    14 hrs · Unlike · 2
  • Rajan Varma स्टेशन पर जाने किसका इंतेज़ार कर रहे थे भाई सॉ,
    न जाने कहाँ जाने का प्लान बना रहे थे भाई सॉ;
    लौट जब घर को आये अपने मेहमाँ के साथ, 

    तो समझ आया कि भौजी संग ही शगल करेंगे आप;
    14 hrs · Unlike · 3
  • Puneet Chowdhary Welcome Pandey jee
    4 hrs · Unlike · 1

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