Sunday, February 22, 2015

होली के रंग गालों पर गोरी के लगने तो दो इंतजार इतंजार बस कुछ और करो।

कलम से____
मौसम न मारीं हैं अबके
उल्टी पलटी अनेक
कभी सर्दी कभी लगे गर्मी
पर निश्चिंत रहो
खिलेंगे पलाश अनेक
आने तो दो हवाओं
को रंगत में
बिखरने तो दो
होली के रंग
गालों पर
गोरी के लगने तो दो
इंतजार इतंजार
बस कुछ और करो।
हमारे घर की खिड़की
से दिखता यह पलाश
रंग बदलता रहता है
होलिकोत्सव के यह आसपास।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
— with Puneet Chowdhary.
Like ·  · 
  • Ram Saran Singh बढ़िया महोदय होली के आगमन की प्रतीक्षा हम सबको है । धन्यवाद ।
  • BN Pandey Good Morning Sir..
    Winter Ke Baad Ab Fagunahi Vayaar Bahane waali Hai... Fagun me Holi Ke Bahaane Khaane pine Ki Dher Saari Cheeje Bhi Milane waali Hai... Him log Bhi Ab Vaapasi Ki Taiyaari me Hai... Sub ore khusihaali hi khusihaali...
  • S.p. Singh अब घर वापस आ भी जाओ गुजिया नमकीन की तैयारी करो होली आने वाली है।
  • BN Pandey Yes Sir hume Bhi Ab Home - Sickness Feel hone Lagi Hai... 23 Feb ko Return Flight Hai... 02 din kolkotaa me reh Ker 25.Feb Ki Shaam tuk Gkp... Thxs Sir..
  • Chadha Vijay Kumar होली के आगमन की प्रतीक्षा है
  • Ajay Kr Misra Khoobsurat abhivaykti, Sir.
  • S.p. Singh मेरे कुछ मित्र हैं जो होली को रंगों और आजकल के परिदृश्य में देखें तो मात्र एक अभद्रता पूर्ण त्योहार है। पर मैं इसे कुछ हटकर मौसम के परिवर्तन के साथ साथ बसंतोत्सव की पराकाष्ठा तथा कृष्ण-राधे के रसिया, रास रंग प्रेम में डूबने का एक त्योहार है। अपनी अपनी भावनाएं हैं। सभी प्रसन्न रहें।
  • Ajay Kr Misra Hardik abhinandan, Sir.

No comments:

Post a Comment