Sunday, February 1, 2015

पीछे से ताकझांक करते हैं।

कलम से____
देखते हैं
आज सुबह
कैसी होती है
सूरज आते भी हैं
या बदली के
पीछे से
ताकझांक करते हैं।
अभी कुछ देर है बाकी
भोर होने में
बहुत कम ही समय
है बचा
सूरज के आने या न आने में....
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
— with Puneet Chowdhary.
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