Saturday, February 14, 2015

पलाश के फूलों से सजेगी होलिका रानी

कलम से____
कल शाम ही तो
अचानक आखों में तुम आ गए
सूखे से जो थे
फिर हरे हो गए
कुछ एक दिन की बात है
जवानी तुम पर छाई होगी
फूलों से लदी तुम्हारी हर शाख होगी
लाल सुर्ख रंग के फूलों से मन मोह लोगे तुम
होली आने वाली है
रंगों से रंग दोगे तुम
मुझे भी....
उनको भी.....
पलाश के फूलों से सजेगी
होलिका रानी
निधिवन वृंदावन में
कान्हा से मिलेगी राधिका रानी।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
— with Puneet Chowdhary.
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