कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Monday, September 28, 2015
लफ्जों में जो न कह सके
लफ्जों में जो न कह सके अपने मन की बात
चंद लम्हों की मुलाकात में नयन खुद ब खुद कह गये !!
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.
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