कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Thursday, September 3, 2015
इस घर को भी एक आंगन की तलाश रहती है
इस घर को भी
एक आंगन की तलाश रहती है
कभी कोई आये
बतियाते
.....और नहीं तो
पक्षी ही आके दिल बहलाये
दाना डालूँ तो चुग जाये.....
(NCR के flats में कहाँ मुनासिब है अब आंगन। गाँव जाना पड़ता है, देखने कैसा होता है आगंन)
Like
Comment
Share
Ram Bajpai
,
SN Gupta
,
BN Pandey
and
27 others
like this.
Ram Saran Singh
हाँ महोदय । कहीं ऐसा समय न आ जाए कि आँगन मात्र शब्द बन कर जाए । आने वाली पीढ़ी यह पूछने लगे कि " आँगन क्या होता है" । अब गाँव में भी आँगन रहित मकान बनने लगे हैं । परिवार बिखरने लगे हैं और आँगन की जगह टुकड़ों में बँटने लगी है । धन्यवाद ।
Unlike
·
Reply
·
6
·
June 21 at 7:16pm
Shiv Kumar Yadav
That is why my heart lies in rural India sir...
Unlike
·
Reply
·
1
·
June 21 at 9:40pm
S.p. Singh
पर कल का भारत ऐसा ही होगा जिसमें अब आंगन न होगा..........नये विकास के model में आंगन की गुजांइश अब कहाँ? 2022 तक दबड़े बनेंगे जिसमें सब की आशायें और आकांक्षाएं पूरी होंगी।
Like
·
Reply
·
June 22 at 7:29am
Harihar Singh
बहुत सुन्दर
Unlike
·
Reply
·
1
·
June 21 at 9:46pm
Puneet Chowdhary
Sir very refreshing
Unlike
·
Reply
·
1
·
June 22 at 7:49am
Dinesh Singh
सही कहा महोदय
Unlike
·
Reply
·
1
·
June 22 at 9:48am
BN Pandey
Aaj Kal Aane Waali Generation Ko Aangan Kaa Aabhaash hi Nahi Hogaa... Karan Janm .. Hospital me... perhaayee . Likhaayee.. ..Hostel me.. Aur Kabhi Ghar Naseeb Hua to ... 40 Storey Flat me... Haa... Sir Aap Ki Rachanaa hum logo ko Ghar... Gao Ki Yaad Jaroor Dilaa Di...
Unlike
·
Reply
·
1
·
June 22 at 4:08pm
SN Gupta
बहुत ही सुन्दर
Like
·
Reply
·
June 22 at 5:41pm
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment