कलम से ____
शाम होने की भनक मिलते ही
बाहर हम चले आये
छितरे छितरे जो पड़े थे
कुछ मुस्कुराये
कहने लगे बस आज नहीं
कर लो कुछ और इंतजार
कल आयेंगे, मिल लेना जी भर....
बाहर हम चले आये
छितरे छितरे जो पड़े थे
कुछ मुस्कुराये
कहने लगे बस आज नहीं
कर लो कुछ और इंतजार
कल आयेंगे, मिल लेना जी भर....
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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