कलम से____
बहुत सोचता हूँ स्वयं पर गर्व करूँ
पर कर नहीं पाता
बहुत सोचता हूँ कि देश पर गर्व करूँ
पर कर नहीं पाता
बहुत सोचता हूँ अपने नेताओं पर गर्व करूँ
कर नहीं पाता
विश्वास अब है बड़ा डगमगाता
कुछ भी करना चाहूँ
अब कर नहीं पाता
ड़गमगाती नइय्या है
खिब्इया है खोया खोया।
पर कर नहीं पाता
बहुत सोचता हूँ कि देश पर गर्व करूँ
पर कर नहीं पाता
बहुत सोचता हूँ अपने नेताओं पर गर्व करूँ
कर नहीं पाता
विश्वास अब है बड़ा डगमगाता
कुछ भी करना चाहूँ
अब कर नहीं पाता
ड़गमगाती नइय्या है
खिब्इया है खोया खोया।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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