इक आइने सा साथ निभाती रही
जिदंगी हकीकत बयान करती रही
ठहराव जब कुछ अब मिल गया है
बिछड़ा कोई अपना दिख गया है.......
जिदंगी हकीकत बयान करती रही
ठहराव जब कुछ अब मिल गया है
बिछड़ा कोई अपना दिख गया है.......
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot. in/
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