कलम से_____
इन खंडहरों में बहुत कुछ छिपा रखा है
न जाने कितने लोग आ चुके हैं
और अभी न जाने कितने आएगें..........
//सुरेन्द्रपालसिंह// — with Puneet Chowdhary.
इन खंडहरों में बहुत कुछ छिपा रखा है
न जाने कितने लोग आ चुके हैं
और अभी न जाने कितने आएगें..........
//सुरेन्द्रपालसिंह// — with Puneet Chowdhary.
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