कलम से____
कर कमलों से अर्पित है
संगिनी का यह लघु उपहार
प्रथम प्रेम का मूतॆ रुप
अंतःस्थल का उदगार।
सपनों का संसार सजोते
बीत चुके हैं दिवस अनेक
अब तो हठ छोड़ो प्रियतम
करती बिनती मस्तक टेक।
तज कर अतीत का एकाकी पन
कर लो जीवन में प्रवेश...............
//surendrapal singh//
http://spsinghamaur.blogspot.in/ — with Puneet Chowdhary.
कर कमलों से अर्पित है
संगिनी का यह लघु उपहार
प्रथम प्रेम का मूतॆ रुप
अंतःस्थल का उदगार।
सपनों का संसार सजोते
बीत चुके हैं दिवस अनेक
अब तो हठ छोड़ो प्रियतम
करती बिनती मस्तक टेक।
तज कर अतीत का एकाकी पन
कर लो जीवन में प्रवेश...............
//surendrapal singh//
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