कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Thursday, November 13, 2014
कल फिर मिलेंगे न
कलम से____
आखं भारी है हो रही नींद आ रही है मुझे
नगमें मेरे अब न गाइये आप भी सो जाइये
मुझे भी सो जाने दीजिए....
(कल फिर मिलेंगे न)
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with
Puneet Chowdhary
.
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Rema Nair
,
Shravan Kumar Sachan
,
Dinesh Singh
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Harihar Singh
शुभ रात्री।जय श्रीकृष्णा राधे।
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Brahmdeo Prasad Gupta
good night.
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Ram Saran Singh
चलिए महोदय । Good night.
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S.p. Singh
धन्यवाद मित्रों।
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Neeraj Saxena
Good morning
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Rajan Varma
सर रात कैसी बीती इस head-turner के संग???
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S.p. Singh
आप अंदाज कर सकते हैं।मुझे मजे की नींद आई।
2 hrs
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Dinesh Singh
बहुत ही खूबसूरत
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