कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Sunday, November 16, 2014
गीत वही गुनगुना दो
कलम से____
गीत वही गुनगुना दो
सुनकर जिसे चैन की नींद सो जाऊँ मैं।
(सुबह का इंतजार करिएगा)
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with
Puneet Chowdhary
.
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Anjani Srivastava
,
Bhawesh Asthana
,
Suresh Kumar
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Rp Singh
Nice
November 15 at 9:30pm
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Amrendra Mishra
इंतजार रहेगा ।
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November 15 at 9:31pm
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Neelesh B Sokey
सुबह तक इंतजार करना मुश्किल है। जो भी हो बोल दीजिए वरना नींद नहीं अायेगी।
November 15 at 9:44pm
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Ram Saran Singh
Good night.
November 15 at 10:13pm
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Ajay Kr Misra
सर, सुबह का इन्तजार रहेगा।
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Yesterday at 8:31am
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S.p. Singh
सभी मित्रों का हार्दिक धन्यवाद एवं शुभकामनाएं।
23 hrs
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Neeraj Saxena
Morning ka wait karna hoga
22 hrs
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Rajan Varma
शैश्वावस्था मे माता की लोरी सुन कर सोने की आदत थी; बढ़ती उम्र के साथ-साथ लोरी सुनाने वाली की उम्र कम होती जा रही है! पुरानी आदतें हैं सर- जाते-जाते ही जायेंगी नाह!!!
21 hrs
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Dinesh Singh
वाह बहुत ही सुंदर
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20 hrs
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आशीष कैलाश तिवारी
आखिर ये रात बीतती क्यों नहीं
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19 hrs
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Rajan Varma
इसमें फ़ैवीकोल का जोड़ लगा है आशीष भाई!
19 hrs
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S.p. Singh
आज बहुत दिनों बाद आशीष को पुराने वाले मूड में देखा है नहीं थो वह हमेशा क्रमशः वाली सीरीज में चौके छक्के लगाते रहते थे।
19 hrs
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Javed Usmani
बहुत खूब
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16 hrs
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