कलम से____
चोट जो सीने पर लगी है भर जाएगी
आसूं भी मोती बन बिखर जायेगें,
गर पूछ लिया किस-किस ने धोखा दिया
न जाने कितने अपनों के चेहरे उतर जायेगें !!!
आसूं भी मोती बन बिखर जायेगें,
गर पूछ लिया किस-किस ने धोखा दिया
न जाने कितने अपनों के चेहरे उतर जायेगें !!!
शुभ रात्रि। कल फिर मिलते हैं.......
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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