Tuesday, June 16, 2015

चलो कुछ पुराने दोस्तों के, दरवाज़े खटखटाते हैं

RAMA SINGH


चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं;
देखते हैं उनके पँख थक चुके है,
या अभी भी फड़फड़ाते हैं;
हँसते हैं खिलखिलाकर,
या होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं;
वो बता देतें हैं सारी आपबीती,
या सिर्फ सक्सेस स्टोरी सुनाते हैं;
हमारा चेहरा देख वो,
अपनेपन से मुस्कुराते हैं;
या घड़ी की और देखकर,
हमें जाने का वक़्त बताते हैं ।
चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं...
— with S.p. Singh.
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  • Rajan Varma बहुत दिनों से सोच रहा था कि भाई सॉ से पूछूँ कि भाभी जी को छुट्टियों पर मायके भेज दिया है या शिमला- कि आज ही आपकी पोस्ट सामने आ गई; 
    स्वागत् है पुनः एफ०बी० पर आपका;
    अच्छा किया जो आपने खटखटा दिया दरवाज़ा पुराने दोस्तों का,

    नहीं तो हम आ धमकते द्वार आपके हाथ का बना नाश्ता-लंच उड़ाने;
    3 hrs · Unlike · 3
  • Padma Kant Dubey Nice to listen the knocking...
    2 hrs · Unlike · 2
  • Rp Singh अदभुत पंक्तियाँ
    2 hrs · Unlike · 2
  • Madhvi Srivastava beautiful lines rama ji
    1 hr · Unlike · 2
  • S.p. Singh आजकल उम्र के इस पडाव पर कोई अपने उनको मायके भेजता है। मायके वालों को ही बुलवाना ठीक रहता है।
    1 hr · Like · 2
  • Dinesh Singh बहुत ही खूबसूरत
    1 hr · Unlike · 2
  • 1 hr · Unlike · 1
  • Puneet Chowdhary Demonstration of a top class poetry
    1 hr · Unlike · 2
  • Sunil Gupta धमाकेदार वापसी भाभी जी को सप्रेम प्रणाम......
    46 mins · Unlike · 2
  • Ram Saran Singh एक लंबे अरसे और दीर्घ अंतराल के बाद आपकी रचना के दर्शन हुए । हम वही, मंज़र वही अहबाब छोड़ जाएँगे कहाँ, हँसते हैं यहीं, रोते हैं यहीं, कायनात छोड़ जाएँगे कहाँ" । धन्यवाद महोदया ।
    11 mins · Like · 1
  • Puneet Chowdhary Ram jee behtreen

1 comment:

  1. kavi kon hai is kavita ka?
    sagar kahan is sarita ka?
    kaise chal rahi hai ye nirnatar kal kal?
    tahri, madhur kintu fir bhi prabal..........
    kavi kon hai is kavita ka?

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