Wednesday, June 10, 2015

तोसों मिलवे कूँ मन करै बार बार

कलम से____


कैसी उठी है पीर जिया हमार
तोसों मिलवे कूँ मन करै बार बार
कहाँ चलौ जाये है करि अखिँयां चार
अइय्यो मोसूँ तू मिलवे कों जमुना पार.......
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
— with Puneet Chowdhary.
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