Tuesday, June 16, 2015

मस्ती जो इन आँखों में हैं,

कलम से____
मस्ती जो इन आँखों में हैं,
मदिरालय में कहाँ,
अमीरी दिल की किसी महालय में कहाँ, 
शीतलता पाने को भटकता है कहाँ,
जो अपने घर परिवार में है
वो हिमालय में कहाँ...
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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