Note on our Education system for Primary Classes
बच्चों को इस हालत में देख कर तरस आता है। बचपन से ही इन्हें गधे की तरह बोझा लादना पड़ता है।
पर यह सब किसी सासंद अथवा देश के शिक्षामंत्री को नहीं दिखाई पड़ता है। हम भारत को अमेरिका तो बनाना चाहते हैं पर यह छोटी छोटी समस्याओं का कोई मान्य हल निकालने में फेल हो चुके हैं।
हे शिव।हे राम। हे कृष्ण। कुछ अब कुछ तुम ही करो .......सरकार पर से भरोसा शनैः शनैः उठ रहा है।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
http://spsinghamaur.blogspot.in/
No comments:
Post a Comment