एक मित्र हैं हमारे, नाम है त्रिवेणी प्रसाद शर्मा, आजकल त्रिवेणी के संगम वाले नगर इलाहाबाद( जो कि बकौल मोदी जी के) smart होने जा रहा है, इंतजार में हैं कि कब यह ठंड खत्म हो तो वह अपना दुशाला धुलवाकर बक्सिया में बंदकर सकें।
त्रिवेणी, जिन्हें हम प्यार से टी पी भी कहते हैं, उनकी एक बात याद आ रही है। वह हमेशा से दिवाली का दिया जलाते ही स्वेटर पहन लिया करते हैं और जब होली का रंग खेलने निकलते हैं तो स्वेटर उतार देते हैं
इस वर्ष यह सिद्धांत भी फेल हो रहा है।
बारिश के चलते आज शाम को भी दिल्ली में ठंडी हवाओं का जोर है। ओलावृष्टि से किसान बेहाल है। सब्जी मार्केट में आमद कम है। महगाई की मार है और बढ़ने वाली। शेयरधारकों का भी नुकसान है। मुफ्ती भाजपा की शान थे, नाक में दम कर रखा है। अजेंडा उनका ही अपना है जो कश्मीरी में चल रहा परेशानी का दौर है बढ़ा रहा। श्रीलंका भी गोली मारने की बात है करने लगा। चारों ओर से घिरता अपना हिन्दोस्तान है।
आस है एक बाकी काले बादल छटें मौसम में परिवर्तन आए गरीब की आवाज भी सुनी जाए।
नसीब वाले के नसीब फिर लौट आयें यही बड़ी एक आस है।
No comments:
Post a Comment