कलम से____
सूर्य चले जब से उत्तरायण
हौले हौले बदले मौसम
ऋतु बसंत करे पदार्पण
कहलाये मधुमास का प्रथम चरण।
हौले हौले बदले मौसम
ऋतु बसंत करे पदार्पण
कहलाये मधुमास का प्रथम चरण।
ऐसा है इसका बसंती व्याकरण
पतझड़ का लगता है मौसम
खिलेंगे फूल पात पर हर छण
ऐसा होगा बसंत का दूजा चरण।
पतझड़ का लगता है मौसम
खिलेंगे फूल पात पर हर छण
ऐसा होगा बसंत का दूजा चरण।
सेमल पलाश खूब खिलेंगे
अमराई बौराएगी साथ साथ
रंग प्रकृति के निखरे निखरे होंगे
फाल्गुन में दिल महके महके होंगे
ऐसा होगा बसंत का तीजा चरण।
अमराई बौराएगी साथ साथ
रंग प्रकृति के निखरे निखरे होंगे
फाल्गुन में दिल महके महके होंगे
ऐसा होगा बसंत का तीजा चरण।
होली के रंगों का है इंतजार
होगा बृज में रसिया जोरदार
राधे संग कन्हाई खेलेंगे फाग
रंग खेलें जिनके हों बड़े भाग
हो ऐसा बसंत का अंतिम चरण।
होगा बृज में रसिया जोरदार
राधे संग कन्हाई खेलेंगे फाग
रंग खेलें जिनके हों बड़े भाग
हो ऐसा बसंत का अंतिम चरण।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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