कलम से____
ज़मीं को छोड़ दिया उनकी खातिर
फलक पर लिया है दम जाकर
करना है कर ले तू अब मरज़ी अपनी
यह ज़मी तेरी, रहने दे आसमान मेरा
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http:// spsinghamaur.blogspot.in/
ज़मीं को छोड़ दिया उनकी खातिर
फलक पर लिया है दम जाकर
करना है कर ले तू अब मरज़ी अपनी
यह ज़मी तेरी, रहने दे आसमान मेरा
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
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दिल के उदगार कुछ यूँ निकले भूमि अधिग्रहण बिल पर
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