कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Monday, June 8, 2015
तेरी यादों ने बहुत रुलाया है !!
कलम से____
हमारी भी हरजाने की दरख्वास्त दर्ज कर लो हाकिम मेरे,
तेरी यादों ने बहुत रुलाया है !!
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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Jayshree Verma
,
Singh Meera Kashyap
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Harihar Singh
जय श्रीकृष्णा राधे
April 29 at 2:05pm
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Narendra Kumar Singh Sengar
nice
April 29 at 2:15pm
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Rajan Varma
हाकिम जब से बनाया है,
हिटलर सरीखी बात करते हैं;
April 29 at 5:32pm
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आशीष कैलाश महादेव
जो हैतो..... राजन सर सही कह रहे हैं, माननीय।.... का नाम से... हम भी हाकिम को ही खोज रहे थे.. जो है तो... लेकिन जब भीतर झांके तो वहां हाकिमों की बारात दिख गई.. जो है तो... का नाम से... हम घबरा कर कदम खेंच लिये.....
April 29 at 8:22pm
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